प्रत्येक वित्तीय वर्ष के सम्बन्ध्य में भारत सरकार का वार्षिक वित्तीय विवरण या अनुमानित आय और व्यय का विवरण आमतौर पर बजट कहलाता है।
बजट भविष्य के लिए की गई वह योजना है, जो पूरे साल की राजस्व व अन्य आय तथा खर्ची का अनुमान लगा कर बनाई जाती है।
बजट (Budget) के द्वारा वित्त मंत्री सरकार के समान अपनी व्यय का अनुमाने लगा कर, आने वाले वर्ष के लिए कई योजनाएं बना कर, जनता के सामने हर वित्तीय वर्ष के दौरान प्रस्तुत करती है।
इसका भारतीय संविधान के अनु० 112 में उल्लेख है।
‘बजट’ शब्द फ्रेंच भाषा के शब्द ‘बुजट ‘(baugette) से बना है, जिसका अर्थ होता है चमड़े का थैला या झोला।
इस शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम वर्ष 1773 में व्यंग रचना में राबर्ट वालपोल (इंग्लैंड के प्रधानमंत्री) के ‘ओपनिंग दी बजट’, वित्तीय योजना के विरोध में किया गया था।
कौटिल्य के अनुसार- ‘सारे काम वित्त पर निर्भर है, अतः सर्वाधिक ध्यान कोषागार पर देना चाहिए। ‘
जी. एस. लाल के अनुसार- बजट व्यापक योजना अथवा कार्यक्रम होता है, यह क्रियान्वयन के लिए तैयार किया जाता है जिसमें एक निश्चित अवधि के लिए राजस्व के अनुमान होते है, जिन्हें कार्यपालिका द्वारा जाता विधानपालिका के मत के लिए तैयार तथा प्रस्तुत किया है।’
बजट वित्तीय प्रशासन का एक शक्तिशाली साधन होता है। सुनियोजित एवं सुव्यवस्थित बजट के बिना हम देश के सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति की कल्पना भी नही कर सकते।
सामाजिक – आर्थिक यंत्र के रूप में बजट के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है-
उत्पादन में वृद्धि को सुनिश्ति करना।
आय के वितरण की असमानता को कम करना।
युद्ध या अन्य विपत्तियों के कारण उपजी मुद्रास्फीति को कम करना।
लोक कल्याणकारी राज्य के रूप में पूर्ण रोजगार को सुनिश्च्ति करना।