हमारी कमजोरी और हमारी ताकत By – StudyThink

हमारी कमजोरी

गुस्सा एक कमजोरी है। इसे एक ताकत के रूप में कैसे बदला जा सकता है? इसका एक नमूना एक महिला ने नेट बंद कर पेश किया मेड का मतलब मदर्स अगेंस्ट ड्रंक ड्राइविंग नाम की संस्था है।

एक शराबी ड्राइवर की लापरवाही से उस महिला का बच्चा मारा गया था वह इतनी गुस्सा हुई कि उसने यह समाज में ऐसी बातें बर्दाश्त न करने का फैसला किया।

उसने समूची अमेरिका में शराब पीकर ड्राइविंग करने के खिलाफ लोगों को एकजुट किया आज वह महिला और उसका संगठन लाखों सदस्यों के साथ एक बड़ी ताकत बन चुके हैं वे जरूरी कानूनी बदलाव लाने में भी सफल हो रहे हैं

या गुस्से जैसी नकारात्मक भाव और एक सकारात्मक सोच के जरिए ता करने बदलने का उदाहरण है उस महिला ने अपने गुस्से को मजबूत इरादे में बदल डाला। सब्र रखें सब आत्मविश्वास जडता और समझदारी भरा नजरिया पैदा होता है

जिससे आखिरकार कामयाबी हासिल होती है। अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हुए है कि या बुरी चीज को एक बार देखने सुनने या करने से कोई असर नहीं होता लेकिन मैं इसे सच नहीं मानता असर भले ही नजर ना

आए लेकिन कुछ ना कुछ असर जरूर होता है। चीन में बांस का एक ऐसा पेड़ होता है जिसे रोकने के बाद 4 साल तक पानी और खाद देने के बावजूद उसमें अंकुर फूटने का भी कोई निशान नहीं दिखता लेकिन पांचवें साल के दौरान बांस का पौधा सिर्फ 6 सप्ताह में 90 फीट तक बढ़ जाता है सवाल यह उठता है

कि बांस का पौधा सिर्फ 6 हफ्ते में बढ़ाया इस काम में 5 साल लगे जब उसने बढ़ने वाले कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे थे यदि उस समय इस पौधे को पानी और खाद नहीं दी जाती तो क्या हुआ बढ़ पाता बिल्कुल नहीं। अगर 4 साल तक देखरेख ना की जाती तो भागता हुआ पौधा मर जाता हमें कुदरत से सीखने की जरूरत है

और यह सीख बिल्कुल साफ है घायल और विश्वास के साथ काम करते रहें अगर नतीजा नजर भी ना आए तब भी असर उसका जरूर होता है। धीरज और आलस के कभी-कभी एक बेहद आलसी इंसान खुद को धैर्यवान समझ सकता है

अच्छी शुरुआत का अंत भी अच्छा होता है। कामयाब लोग अपनी कमियों को पहचानते हैं मगर अपनी शक्तियों को बढ़ाते हैं जब हम अपनी शक्तियों को पहचानेंगे ही नहीं तो इन्हें बढ़ाएंगे कैसे

हम क्या नहीं करना चाहते इससे ज्यादा ध्यान इस बात पर देखी हम क्या करना और बनना चाहते हैं स्वाभिमान की भाव का असली निचोड़ नीचे लिखिए इब्राहिम लिंकन के लफ्जों से ज्यादा बेहतर तरीके से नहीं समझाय जा सकता।

हमारी ताकत

ए दुनिया मेरी बच्चों का हाथ थाम लो आज इसका स्कूल में पहला दिन है कुछ देर को इसके लिए हर चीज नई और अजनबी होगी इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि आप इसके साथ नरमी से पेश आएं आप तो जानते ही हैं

कि इसका संस्कार अब तक घर तक ही सीमित है इसने अपनी चारदीवारी के बाहर कभी झांका नहीं था या अब तक घर का राज आ रहा है अब तक इसकी चोट पर मरहम लगाने और इसकी ठेस लगी भावनाओं को प्यार का लेप लगाने के लिए हमेशा मौजूद रहा।

लेकिन अब बात दूसरी होगी आज सुबह या सीढ़ियों से उतर कर अपना नन्हा हाथ उत्साह के साथ ही लाएगा और अपनी बड़ी साहसिक यात्रा शुरू करेगा जिसने शायद संघर्ष भी होगा दुख भी होगा और निराशा भी होगी।

इस संसार में जीने के लिए इसे विश्वास प्यार और साहस की जरूरत होगी इसलिए यह दुनिया मैं उम्मीद करता हूं कि आप इस के नन्हे हाथों को पकड़कर हुई सब सिखाएंगे जो इसे जाना चाहिए सिखाएं जरूर मगर हो सके हो प्यार से।

मैं जानता हूं कि इसे एक दिन यह समझना पड़ेगा कि सभी लोग अच्छे नहीं होते सभी स्त्री-पुरुष सच्चे नहीं होते इसलिए अभी सिखाएं कि संसार में हर धूर्त के लिए एक अच्छा इंसान भी है जहां एक दुश्मन है तो वहीं एक दोस्त भी है

इसी शुरू में ही या सीखने में मदद करें कि बुरे और धौंस जमाने वाले लोगों को ठिकाने लगाना सबसे आसान है। इसे किताबों की खूबियों के बारे में बताइए और पढ़ने के लिए प्रेरित करें कुदरत के छिपे सुंदर जैसे आसमान में उड़ते पंछी गुनगुन करते और हरी-भरी वादियों ने खिले फूलों की करीब से देखने और जानने के लिए इसे पूरी समय दें इसे अभी सिखाएं की बेईमानी और जीत से हार जाना कहीं अच्छा है इसे तब भी अपने विचारों पर विश्वास रखना सिखाएं जब सब कह रहे होंगे कि वह गलत है।

मेरे बच्चे को वह शक्ति दें जिससे वह भीड़ का हिस्सा ना बन कर भेड़ चाल ना चले जबकि सारा संसार चल रहा हो इसे या तो सिखाएं कि वह दूसरों की बात सुनी लेकिन हर बार सच्चाई के तराजू पर रखे और उनमें से सिर्फ अच्छाई को ही अपना ए।

अपनी अंतरात्मा का आवाज को सोने चांदी के सिक्कों से नाता लें इसे या सिखाएं कि वह लोगों के कहने में ना आए और अगर वह अपनी सोच में खुद को सही पाता है तो अपने सही इरादों पर डटा रहे और संघर्ष करें इसे नरमी से सिखाएं लेकिन यह अपने सही इरादों पर डटा रहे और संघर्ष करें इसे नरमी से सिखाएं लेकिन

यह दुनिया इसे बिगाड़ने मत और कमजोर ना बनाएं क्योंकि लोहा आग में तप कर ही फौलाद बनता है वैसे तो ऐसा कर पाना एक बहुत बड़ी बात है मगर ए दुनिया फिर भी आप ऐसा करने की कोशिश जरूर करें आखिरकार वह एक बहुत प्यारा बेटा है।

हमारी सोच

सही और साफ सोच के साथ बनाए गए लक्ष्य आदमी को एक दिशा दिखाते हैं लक्ष्य पाने में कामयाब होने से उसे संतोष मिलता है

मकसद से भी ज्यादा महत्वपूर्ण अपने लक्ष्य को पाने की कोशिश हमें जो बनते हैं वह लक्ष्य हासिल होने के बाद मिलने वाली उपलब्धियों से कुछ बनने की प्रक्रिया ही हमें सच्ची खुशी देती है और यही सच्चे अर्थों में स्वाभिमान है

हमारे लक्ष्य असलियत से दूर नहीं होने चाहिए क्योंकि जो लक्ष्य असलियत से परे या बनियान होते हैं कामयाबी में नहीं बदले जा सकते हमारे सलमान से कमी आती है

जबकि वास्तविकता पर आधारित लक्ष्य हमें उत्साहित करने के साथ-साथ हमारे सलमान को भी बढ़ाते हैं इसलिए अपने लक्ष्य को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए उसको हमेशा हेलो करना चाहिए। हमारी कमजोरी और

हमारी ताकत दोनों चीज हमारे अंदर होती है जिसे हम जैसे चाहे उसी तरह इस्तेमाल कर अपनी जिंदगी को सही रास्ते पर ला सकते हैं और सही तरीके से आगे हम जा सकते हैं।

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