
भरोसा
पुरानी कहावत है एक छटाक वफादारी एक शेर चला कि से ज्यादा अच्छी है या सर्वव्यापी और अटल नियम है, काबिलियत बहुत जरूरी है लेकिन भरोसेमंद होना अनिवार्य है
अगर हमारे साथ कोई ऐसा व्यक्ति है जिसमें सारी खूबियां हैं लेकिन वह भरोसेमंद नहीं है तो क्या हम ऐसे व्यक्ति को अपनी टीम में रखना पसंद करेंगे या नहीं बिल्कुल नहीं।
मुड़ मुड़ कर देखिए और उन लोगों को याद करने की कोशिश कीजिए कि जिन का हमारे जीवन पर अच्छा असर पड़ा हो ऐसे लोगों से हमारे मां-बाप शिक्षक आया कोई भी दूसरा व्यक्ति हो सकता है
हमारी सहायता करने के लिए भरपूर समय दिया हो शायद देखने में ऐसा लगे कि उन्होंने केवल अपना कर्तव्य निभाया है लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है
उन्होंने हमारे लिए अपनी इच्छा से अपने समय मेहनत और पैसा और कई चीजों को त्याग किया है उन्होंने हमारे प्रति प्रेम के कारण ऐसा नहीं किया ना कि वह हमने धन्यवाद पाने के लिए किसी मोड़ पर व्यक्ति इस बात को महसूस करता है कि उसकी जिंदगी संवारने में कितनी मेहनत की गई है
शायद उन्होंने धन्यवाद देने के लिए अभी देर नहीं हुई है हंसाने खूबसूरत शब्द है आसान एक एहसास है हमारी शख्सियत को सुधरता है और चरित्र बनाता है एहसान मंद होने का एहसास बिना बता से पैदा होता है या दूसरों के प्रति शुक्र गुजार एक भाव भी है या भाव दूसरों के प्रति अपनाए गए हमारे नजरिए से पता चलता है और हमारे व्यवहार में झलकता है ।
वफादारी
एहसान का मतलब किसी अच्छाई का बदला चुकाना नहीं क्योंकि एहसान सिर्फ एक लेन-देन नहीं है दया आपसे समझदारी और धैर्य कीमत नहीं चुकाई जा सकती एहसान मंद होने का एहसास हमें क्या सिखाते हैं या
हमें आपसे सहयोग और एक दूसरे के प्रति समझ की कला दिखाता है एक सच्चे और ईमानदार इंसान का चरित्र और शख्सियत बनाने वाले गुणों को एहसान मंद होने का आसान तरीका सबसे ऊंचा है
एहसान मानने की राह में अक्सर अहंकार रुकावट बनता है। वचनबद्धता के बगैर रिश्ते चले और खोखले हो जाते हैं यह सुविधा पर निर्भर होते हैं और इसलिए थोड़े समय तक ही दिखते हैं वचनबद्धता के बिना आज तक कोई स्थाई चीज नहीं रखी जा सकती। वजन बढ़ता कहती है
अनजाने में भविष्य में इस दिल को बहुत से लोग वचनबद्धता को बांध जाना समझने की भूल करते हैं वास्तव में यह सच नहीं हमारी सबसे महत्वपूर्ण वचनबद्धता अपने मूल्यों के साथ होती है इसलिए यह जरूरी है
कि हमारे मूल्य अच्छे हो मिसाल के तौर पर अगर मैं एक ऐसा नेताओं ने समर्थन देने का वचन देता हूं जो बाद में एक चरस गांजे का व्यापारी बन जाता है
तो क्या मुझे अपना वचन निभाना चाहिए नहीं बिल्कुल नहीं निभाना चाहिए वचन बहत सुख और दुख नहीं है रिश्तो की मजबूती बनाए रखती है या एक इंसान की शख्सियत और रिश्तो में झलकती है।
दिमाग को स्थिर रखना
मन को साफ रखना, कूड़ा इकट्ठा करने वाले ना बने क्या हमने वह कहावत सुनी है माफ तो कर सकता हूं लेकिन भूल नहीं सकता जब एक व्यक्ति माफ करने से इंकार कर देता है तो वह उन सभी दरवाजों को बंद कर देता है
जिन्हें खोलने की किसी दिन उसे जरूरत पड़ सकती है जब हम मन में बैर और दोष का भाव रखते हैं तो सबसे ज्यादा नुकसान किस को पहुंचते हैं खुद अपने आप को। जी मैं और जेरी बचपन के दोस्त हैं मगर किसी कारण से उनकी दोस्ती में दरार पड़ गई वही 25 साल तक एक दूसरे से नहीं बोले मेरी मृत्यु शैया पर पड़ा था औ
र दिल पर बोझ लेकर मरना चाहता था इसलिए उसने जिम को बुलाया और माफी मांगते हुए कहा हम एक दूसरे को क्षमा कर दें और उसकी बातों को भूल जाएं जिनको भी यह बात अच्छी लगे एक दिन उसने देरी से अस्पताल जाकर भेंट करने का फैसला किया।
उन्होंने बीती पिछले 25 सालों को याद किया अपने मतभेदों को बुलाया और कुछ घंटे साथ गुजारे और जब जिम जाने वाला था तब जीरी पीछे से चिल्लाकर बोला जिम अगर मैं नहीं मरा तो याद रखना या माफी मांग नहीं जाएगी द्वेष भाव रखने के लिए जीवन बहुत छोटा है देश रखना व्यर्थ है।
लानत है मुझ पर जहां एक तरफ देश रखना अच्छी बात नहीं वही बार-बार चोट खाना भी अच्छी बात नहीं किसी ने ठीक ही कहा है तुम मुझे एक बार धोखा देते हो तो तुम पर लानत है तुम मुझे दोबारा धोखे देते हो मुझ पर लानत है जान कैंडी ने एक बार कहा था
किसी को माफ तो कर दो लेकिन उसका नाम मत बोलो मैं नीचे ही कर सकता हूं कि उसका मतलब यह था कि दोबारा ठगा जाना यादों का खाना अकलमंद ही नहीं है।
सही और गलत से बचना
सही और गलत से कैसे बचे, एक नाव 3 साल से एक ही जहाज पर काम कर रहा था एक रात वाह नशे में धुत हो गया ऐसा पहली बार हुआ था कैप्टन ने इस घटना को रजिस्टर में इस तरह दर्ज किया नाभिक आज रात नशे में धुत था गांव एक नया बात पढ़ ली वह जानता था
कि इस एक वाक्य से उसकी नौकरी पर असर पड़ेगा इसलिए वह कैप्टन के पास गया और माफी मांगी और कैप्टन से कहा कि उसने जो कुछ भी लिखा है उसने यह भी जोड़ दें कि ऐसा 3 साल में पहली बार हुआ है क्योंकि पूरी सच्चाई यही है कैप्टन ने मना कर दिया और कहा मैंने जो कुछ भी रजिस्टर में दर्ज किया है
वही असली सच है। अगले दिन रजिस्टर भरने की बारी नाविक की थी उसने लिखा आज की रात कैप्टन ने शराब नहीं पी कैप्टन ने इसे पढ़ा और नाभि से कहा है कि इस बात को वह या तो बदल दें अथवा पूरी बात लिखने के लिए आगे कुछ और लिए क्योंकि जो लिखा गया था
उससे जाहिर होता है कि कैप्टन हर रात शराब पीता था ना बिकने कैप्टन से कहा कि उसने जो कुछ भी रजिस्टर में लिखा वही सच है दोनों बातें सही थी लेकिन दोस्तों दोनों से जो संदेश मिलता है वह एकदम भटकाने वाला है और उससे सच्चाई झलक नहीं रही है।
इसीलिए दोस्तों भरोसेमंद और वफादार बन्ना दोनों बहुत कठिन कार्य है इसलिए अपने आप पर विश्वास होना चाहिए और भरोसा और वफादारी दोनों चीज को बराबर सही तरीके से सही चुनाव करना चाहिए।