
दस्तावेज(document) (धारा 29)-
भारतीय दंड संहिता की धारा 29 के अनुसार दस्तावेज किसी भी शब्द का ध घोतक है, जिसको किसी पदार्थ पर अक्षरों अंकों या चिन्हों के साधन द्वारा या उनमें से एक से अधिक साधनों अधिवक्ता वर्णित किया गया हो, जो उस विषय के साक्ष्य के रूप में उपयोग किए जाने को आशयित हो या उपयोग किया जा सके।
दृष्टांत-( 1 ) वह लिख जिसमें संविदा के बातें व्यक्ति की जाए तो संविदा के साथ में प्रयोग की जा सके दस्तावेज है।
( 2 ) बैंकर को दिया गया चेक दस्तावेज है।
( 3 ) मुख्तारनामा दस्तावेज है।
स्पष्टीकरण-अक्षरों अंको चिन्हों से जो कुछ भी वाणिज्यिक या अन्य प्रथा के अनुसार व्याख्या करने पर अभिव्यक्त होता हो वह इस धारा के अर्थ के अंतर्गत ऐसे अक्षरों अंकों या चिन्हों से अभिव्यक्त हुआ समझा जाएगा चाहे वह वस्तु तथा अधवक्ता ना भी किया गया हो।
उदाहरण-
एक विनमय पत्र की पीठ पर जो उसके आदेश के अनुसार देय है, अपना नाम लिख लेता है। वाणिज्यिक प्रथा के अनुसार व्याख्या करने पर उस पृष्ठांकन का अर्थ एक ही धारा को दिन में पत्र का भुगतान कर दिया जाए। पृष्ठांकन दस्तावेज है और उसका अर्थ इसी प्रकार लगाया जाना चाहिए मानव हस्ताक्षर के ऊपर धारक
को भुगतान करो शब्द है या उस समय प्रभाव वाले शब्द लिख भी दिए गए।
अपराधिक बल तथा हमला
अपराधिक वाले मामले में संबंधित धाराएं हैं धारा तीन सौ 49351 बल अपराधिक बल एवं हमला परिभाषित करती है जबकि धारा 352 तथा 358 ने हमला व आपराधिक बल के लिए दंड का प्रावधान करती है अन्य धारा 353 से 357 से हमले की गुरुत्व रूप में है। बल एवं आपराधिक दंड संहिता की धारा 304 के अंतर्गत औरत अंतर धारा 350 के अंतर्गत आपराधिक बल को परिभाषित करती है तत्पश्चात धारा 351 ने हमले के अपराध को परिभाषित किया गया है उक्त तीनों धारा निम्नलिखित हैं। बल-कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति पर हमला का प्रयोग करता है या कहा जाता है यदि उस अन्य व्यक्ति में गति परिवर्तन या गति हिम्मत आकारिक कर देता है या वाह किसी पदार्थ में ऐसी गति गतिक परिवर्तन या गतिशीलता कार्य कर देता है जिससे उस पदार्थ का स्पर्श उस अन्य व्यक्ति के शरीर के किसी भाग से या किसी ऐसी चीज से जिसे वह अन्य भक्त पहने हुए हैं या ली जा रहा है या किसी ऐसी चीज से जो इस प्रकार स्थित है कि ऐसे स्पर्श से उस अन्य व्यक्ति संवेदन सख्त पर प्रभाव पड़ता है, हो जाता है या तब जबकि गतिमान, गति परिवर्तन या गति हिना करने वाला व्यक्ति उच्च गति, गति परिवर्तन यात्रा को एडमिन पश्चात वर्णित 3 तरीके में से किसी एक द्वारा कार्य करता है अर्थात पहला-अपनी निजी शारीरिक शक्ति द्वारा, दूसरा-किसी पदार्थ के इस प्रकार बयान द्वारा कि उसके अपने या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कोई अन्य कार्य के लिए जाने के बिना ही गति या गति परिवर्तन या गतिहीनता घटित होती है। तीसरा-किसी जीव जंतु को गतिमान होना गति परिवर्तन करने या गति धीमी होने के लिए उत्प्रेरित द्वारा। अपराधिक बल-जो कोई किसी व्यक्ति पर उस व्यक्ति की संपत्ति के बिना बल का प्रयोग किसी अपराध के लिए या उस व्यक्ति को जिस बल का प्रयोग किया जाता है छति भय क्षोभ , ऐसी बल का प्रयोग करीब करने के आशय से या ऐसे बल के प्रयोग से संभालता कार्य करेगा या जानते हुए सताए करता है वह उस व्यक्ति पर अपराधिक बल का प्रयोग करता है या कहा जाता है। या नदी के किनारे रस्सी से बंधे नाव पर बैठा है कार्य को आमंत्रित करता है और उसी प्रकार नाव को धारा में सजाएं बहा देता है वहां यूकानी या पर बल का प्रयोग सहायक किया है और उसने या की संपत्ति के बिना या कार्य कोई अपराध जानते हुए कि ऐसा बल का प्रयोग से वह या को छति या भय क्षोभ कार्य करें तो कन्हैया पर अपराधिक बल का प्रयोग किया है।
हमले की परिभाषा
हमला शब्द की परिभाषा करना अत्यंत कठिन है साधारण बोलचाल में हमला शब्द का अर्थ अन्य व्यक्ति या हिंसात्मक उछलना अथवा आक्रमण करने का होता है दंड विधि मैं इसके अर्थ अन्य व्यक्ति को अवधेश शारीरिक अप हानियां छति कार्य करने किस प्रकार के होते हैं दूसरे शब्द में विधिक हमला वहां समाप्त हो जाता है जहां साधारण बोलचाल का हमला प्रारंभ होता है पीटना भारतीय विधि के अंतर्गत उपाय कार्य करना कहलाता है अंग्रेजी भीड़ में इसको बैटरी कार्य करने का स्पर्श करने का याद छति अथवा शारीरिक कार्य करना नहीं आता है यदि ऐसी बात हो जाती है तो वह अपराध अंग्रेजी विद में बैटरी माना जाता है और भारतीय विद में उपाधि कार्य करना होगा आता हमले में अपराध का तत्व उस कार्य में है जो कि कार्य में भिन्न उसके प्रयत्न होता है उसके साथ-साथ उसका अपराधिक मन भी उस समय होना चाहिए अनपरवैल छड़ी अथवा भूतों से प्रहार विच्छेद करना जबकि प्रहार लच पर लग पाए तलवार या संगीन खींच लेना या बोतल अथवा खिलाफ इस आशय में फेंकना उसे चोट पहुंची भरी हुई बंदूक व्यक्ति को निकट से दिखाना अथवा कोई कार्य करना जिसमें हिंसा करने का आभास या आशा प्रकट हो कि वह अन्यथा हिंसा का प्रयोग करेगा यह सब हमले के दृष्टांत हैं।
उदाहरण
एक हिंसक कुत्ते की मुख्य बंधनी इससे यह संभावना जानते हुए वह खलना आलम करता है कि उसके द्वारा या को विश्वास हो जाए कि वह या पर कुत्ते से आक्रमण करने वाला है। कन्हैया पर हमला किया है। यहां पर अथवा मुक्का का इस आशय से या संभावना जानते हुए हिलाता है कि उसके द्वारा या को विश्वास हो जाएगी या का को मारने की ही वाला है का ने हमला किया है। भारतीय दंड संहिता में सामान्यतया तैयारी को दंडनीय नहीं बताया गया है। परंतु इस धारा का मात्र बल का प्रयोग की तैयारी ही हमल अबकी अपराध का गठन कर देती है लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि बल प्रयोग का की तैयारी मानो की छाती होनी चाहिए इस प्रकार हमले निम्न आवश्यक तत्व हैं। किसी व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति की उपस्थिति में कोई तैयारी या अकाउंट चेक करना या बल का प्रयोग की तैयारी इस संभावना या ज्ञान से की जानी चाहिए कि उस व्यक्ति को अपराधिक बल का प्रयोग आशंका हो जाए।